चलो मुसीबतों में मजा ढूंढे Top Motivational Post
पूरी दुनिया यह मान चुकी थी की अब यह रिकॉर्ड कभी भी नहीं टूटेगा। लेकिन माइकेल फेल्प्स ने यह ठान लिया था की इस रिकॉर्ड को मुझे हर हाल में तोडना ही है। सबसे पहले इन्होने यह देखा की मार्क ने इस रिकॉर्ड को तोड़ने के लिए क्या किया? मार्क स्पिट्ज ने ४ साल तक लगातार 8-8 घंटे प्रैक्टिस किया था। तो माइकेल फेल्प्स ने यह निश्चय किया की मैं 4 साल तक हर रोज 8 घंटे के बजाय 12 घंटे प्रैक्टिस करूँगा। इनका कहना था की जब मैं प्रेक्टिस कर रहा था तो मुझे थोडा शक था की दुसरे और तीसरे नंबर पर कौन आएगा?
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यानी इन्हें खुद पर इतना विश्वास था की पहला स्थान तो मेरा ही आएगा। आपको एक बात बताना चाहता हूँ की दुनिया को आपके बारे में पता हो या ना हो लेकिन आपको अपने बारे में बहुत अच्छे से पता होता है। क्योंकि आप यह जानते हैं की किसी Goal को achieve करने के लिए क्या किया है और कितना किया है। यहाँ तक तो ठीक था- माइकेल फेल्प्स का कॉन्फिडेंस और कठिन परिश्रम एकदम हाई Level पर था। लेकिन दुर्भाग्यवश इनका हाथ Fracture हो गया और डॉक्टर ने साफ साफ यह कह दिया था की अब तुम किसी भी किम्मत पर बीजिंग ओलिंपिक में हिस्सा नहीं ले सकते हो। लेकिन इनके दिमाग में भुत सवार था की मुझे हर हाल में मार्क स्पिट्ज का रिकॉर्ड तोडना ही है।
जब किसी भी इन्सान के अंदर इतना जूनून रहता है किसी भी चीज को लेकर तो वह किसी भी मुसीबतों के आगे रुकता नहीं है। इनका हाथ टूट गया था, डॉक्टर ने साफ़ साफ़ मन कर दिया था। लेकिन इन्होने पैरों से अपनी प्रेक्टिस शुरू कर दी और अभ्यास कर कर के इन्होने अपने पैरों को इतना मजबूत कर दिया था की जब तक इतना हाथ ठीक हुआ तब तक इनकी स्पीड पहले की तुलना में कई गुन्ना बढ़ चुकी थी।
अगर कोई इन्सान कुछ करना चाहता है, कोई नया रिकॉर्ड बनाना चाहता है तो उसके रास्ते में बहुत मुसीबते आती है। और ठीक इसके विपरीत अगर कोई इन्सान कुछ नहीं करना चाहता है तो उसके भी ज़िन्दगी में बहुत सारी मुसीबतें होती है। फर्क बस इतना होता है की करने वाला समस्या का समाधान तो ढूंढ ही लेता है लेकिन कुछ नहीं करने वाले के पास कोई समाधान नही होता सिवाय सिर्फ एक Excuse के।
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अब एक सवाल आपसे है- क्या आपकी समस्या माइकेल फेल्प्स से बड़ी है? शायद आपका जवाब होगा- नहीं! माइकेल फेल्प्स ने सबसे बड़ी मुसीबत में उससे कई गुन्ना बड़ा समाधान ढूंढ निकाला, और वर्ष 2008 में इन्होने मार्क स्पिट्ज का रिकॉर्ड तोड़ डाला। इसके बाद वर्ष 2012 में 5 गोल्ड मैडल और 2 सिल्वर मैडल फिर से जीत लिया। लेकिन इसके बाद वह कुछ गलत आदतों में पड़ गये और ड्रग्स लेना शुरू कर दिया जिसके कारन इन्हें जेल भी जाना पड़ा। माइकेल फेल्प्स का कहना है की एक समय तो ऐसा भी आया की Sportsman भी नहीं रहना चाहता था। मैं डिप्रेशन में चला गये था और कई दिनों तक एक ही जगह पर पड़ा रहा और जीने की आश भी छोड़ चूका था।
एक समय बाद इन्हें गलती का एहसास हुआ और एक बार फिर इन्होने Come Back किया और 2014 में अपनी प्रेक्टिस फिर से शुरू कर दी। दो साल तक लगातर कड़ी प्रेक्टिस करने के बाद 2016 में ओलिंपिक में उतरे। जिसमें हमारा देश भारत सिर्फ एक ही सिल्वर मैडल लेकर आया था। लेकिन 2016 में इस माइकेल फेल्प्स ने अकेले 5 गोल्ड मैडल और एक सिल्वर मैडल लेकर आया थे। जबकि इन्होने 2012 में खेल से सन्यास ले चुके थे, ड्रग्स के आदि हो चुके थे, डिप्रेशन में जा चुके थे।
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उन्होंने ऐसा रिकॉर्ड बनाया इसका सारा श्रेय उनके पिछले प्रेक्टिस को जाता है, जिसमें उन्होंने बिना छुट्टी लिए, बिना किसी पार्टी में गये, बिना किसी के बर्थडे पार्टी में गये लगातार 6 साल तक हर रोज 12 घंटे तक प्रेक्टिस की थी। जबकि Normally Athletes हफ्ते इ एक छुट्टी लेते हैं, 4 से 5 घंटे प्रेक्टिस करते हैं। इनमें और दुसरे Athletes में यही फर्क था।
माइकेल फेल्प्स का कहना है की:-
फर्क नहीं पड़ता की आप कितनी बार गिरे हो?
फर्क नहीं पड़ता की आप जो कर रहे हो वह कितना मुश्किल है?
अगर आप सच में काम को करना चाहते हो तो ये ज़िन्दगी आपके सामने कितने भी बड़े बड़े मुसीबतों को लाकर खड़ा क्यों न कर दे, आप उस मुश्किल से मुश्किल काम को भी कर जाओगे।
पाठकों, आशा करता हूँ आपको यह लेख पसंद आई होगी। हम आगे भी ऐसे ही लेख हर रोज आपके लिए लाते रहेंगे। अगर आप भी लिखने के शौक़ीन हैं और अपने विचार दुनिया के कोने कोने तक पहुँचाना चाहते हैं तो आप इस वेबसाइट के जरिये कर सकते हैं। अपने लेखों को आप हमारे ईमेल पता पर भेज सकते हैं। हमारा ईमेल पता हैं :- [email protected]
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