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जीवन परिचय
17 मार्च को भारत के एक ऐसे शख्सियत का निधन हो गया जो अपनी सादगी और काम के प्रति निष्ठा रखते थे. जो की गोवा के वर्तमान मुख्यमंत्री थे. मनोहर पार्रिकर एक ऐसे शख्सियत थे, जो की भारत के अन्य सभी नेताओं से अलग थे.
इनका पूरा नाम “मनोहर गोपाल कृष्ण प्रभु पार्रीकर था. जिनका जन्म 13 दिसम्बर 1955 को भारत के गोवा राज्य के मापुसा शहर में हुआ था. इनके पिताजी का नाम गोपाल कृष्ण पार्रीकर और माता जी का नाम राधा बाई पर्रीकर था.
पढाई-लिखाई
मनोहर पार्रीकर जी का प्रारंभिक शिक्षा लोयोला हाई स्कूल, मार्गाव (गोवा) से प्राप्त हुआ था. एक मराठी माध्यम विधालय से हुआ था, इसलिए उन्हें मराठी, हिंदी, इंग्लिश जैसी भाषाएँ बोलना आता था. उन्होंने मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग की पढाई उन्होंने 1978में IIT मुंबई से प्राप्त की थी. आप इस बात को बखूबी समझ सकते हैं की IIT में जाना कितना मुश्किल होता. हम जैसे कितने युवा IIT में जाने की सपने देखते हैं, जबकि उन्होंने IIT को क्वालीफाई करके दाखिला लिया था.
गृहस्थ जीवन
मनोहर पार्रीकर की शादी 1981 में मेघा पर्रीकर से हुआ था, लेकिन उनके पत्नी का साथ ज्यादे दिनों तक नही रहा और मात्र 20 वर्ष बाद ही उनके पत्नी का देहांत सन् 2001 में हो गया. सन् 2000 में वो पहली बार गोवा के मुख्यमंत्री बने थे. उनके दो पुत्र हैं जिनका नाम अभिजित पर्रीकर और दुसरे बेटे का नाम उत्पल पर्रीकर है. उनकी पत्नी के निधन के बाद बच्चों की जिम्मेदारी भी उनके ही सर पर आ गयी. मुख्यमंत्री होने के साथ-साथ उन्होंने अपने बच्चों के देख-रेख की जिम्मेदारी भी बखूबी निभाई.
राजनितिक सफ़र
बचपन से ही वो राजनीति में इन्ट्रेस्ट रखते थे. जब वो युवा थे तभी से वो RSS और बी.जे.पी. में उनकी दिलचस्पी थी, लेकिन पहली बार 1994 में वो बीजेपी के टिकेट पर विधान-सभा चुनाव लड़ा था. जहाँ पर उनको जीत हासिल हुई थी. उस वक्त बीजेपी का कोई ख़ास परफॉरमेंस गोवा में नही कर सकी थी. पुनः सन् 2000 में चुनाव हुआ तो बीजेपी का पूर्ण बहुमत के साथ जीत हुआ. उस वक्त बीजेपी ने मुख्यमंत्री के पद के लिए मनोहर पर्रीकर को चुना.
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24 अक्टूबर 2000 को पहली बार मनोहर पार्रीकर ने मुख्यमत्री का कार्य-भाल संभाला था, लेकिन 27 फ़रवरी 2002 को किसी कारणवश इस्तीफा देना पडा था. लेकिन उसके कुछ ही महीने बाद 05 जून 2002 फिर से वो मुख्यमत्री का कार्यभाल संभाल लियें और 2005 तक वो मुख्यमंत्री के पद पर कार्यरत रहे. 2005 में बीजेपी की हार हो गयी और कांग्रेस की जीत हुई, फिर कांग्रेस की सरकार गोवा में बन गयी. फिर तीसरी बार 2012 में उन्हें गोवा का मुख्यमंत्री बनने का मौका मिल गया और उनकी नेतृत्व में बीजेपी ने भारी बहुमत से अपनी जीत हासिल की थी.
सन् 2014 में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में लोकसभा चुनाव में भाजपा ने सम्पूर्ण देश में पूर्ण बहुमत हासिल किया. इस बार उन्हें रक्षामंत्री का पद सौपा गया और सन् 2014 से 2017 तक वे कार्यरत रहे. जब पहली बार भारतीय सेना ने पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक किया तो उस वक्त रक्षा-मंत्री मनोहर पर्रीकर ही थें.
सन् 2017 में जब चुनाव हुआ तो बीजेपी को पूर्ण बहुतमत हासिल नही हुआ. लेकिन अन्य जो पार्टियाँ थी उन्होंने यह मांग की, की मनोहर पर्रीकर को ही एक बार फिर मुख्यमंत्री बनाया जाये. चौथी बार वो 2017 में गोवा के मुख्यमंत्री बने. अभी वो अपने मुख्यमंत्री पद पर कार्यरत ही थे की तबियत ख़राब होने की वजह से 17 मार्च 2019 को निधन हो गया. मनोहर पार्रीकर जी एक ऐसे राजनेता थे जो मुख्यमंत्री ,रक्षामंत्री होने बावजूद भी स्कूटर से चला करते थे. ऐसे महान शख्स को “अनमोल-सोच” के तरफ से पुरे दिल से नमन् है. मनोहर पर्रीकर तो हमारे बिच नही रहे पर देश के लिए जो उनका योगदान रहा, वो हमेशा-हमेशा के लिए अमर हो गया.
जय हिन्द!
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