जर्मनी : धार्मिक सुधारक
जन्म : 1483
मृत्यु :1546
मार्टिन लूथर किंग ईसाई धर्म में प्रोतेस्ट्वाद आन्दोलन चलाने के लिए विख्यात हैं | वह जर्मन भिक्षु ,धर्मशास्त्री , प्राध्यापक ,पादरी एंव चर्च-सुधारक थें |
लूथर का जन्म जर्मनी की आइसलेवन नगरी में 1483 में हुआ था | उनके पिता हैंस लूथर खान के मजदुर थें | अट्ठारह वर्ष की अवस्था में मार्टिन लूथर एरफुर्ट के नए विश्वविधालय में भर्ती हुए और सन 1505 में उन्हें एम.ए.की उपाधि मिली | 1505 में ही अगसित्न के सन्यासियों के धर्मसंघ के सदस्य बने और 1507 में उन्हें पुरोहित का अभिषेक दिया गया | लूथर को सन 1512 में धर्मविज्ञान में डाक्टरेट की उपाधि मिली | 1517 तक लूथर ने खुलमखुल्ला चर्च के प्रति विद्रोह किया |
1517 में रोम के संत पिटर महामंदिर के निर्माण की आर्थिक सहायत करने वालो के पक्ष में एक विशेष दंडमोचन की घोषणा हुई | उस दंडमोचन की घोषणा करने वाले कुछ उपदेशक पाप के लिए पश्चाताप करने की आवश्यकता पर कम बल देते थे और रुपया इकट्ठा करने का अधिक ध्यान रखते थे | उसी दंडमोचन को लेकर लूथर ने विद्रोह किया | उन्होंने रोम के अधिकार का तथा पुरोहितो के अविवाहित रहने की प्रथा का विरोध किया, बाइबिल को छोड़कर ईसाई धर्म का कोई और आधार नहीं माना तथा केवल तीन संस्कारो का, अर्थात बपतिस्मा, पापस्वीकार तथा यूखारिस्ट को स्वीकार किया |
उत्तर में रोम ने सन 1520 ई. में केथोलिक चर्च से लूथर के बहिष्कार की घोषणा की | 1524 में उन्होंने कैथोरीन बोरा से विवाह किया |
सन 1546 में वह अपने जन्मस्थान आइसलेवन में ही चल बसे |