नमस्कार दोस्तों, हमने तो दृश्यम 2 देख ली आपने देखि क्या? अगर नही देखें है तो जल्दी देखिये क्योंकि कहानी एकदम धांसू है. कसम से अगर आप थिएटर में बैठ गए न, तो आपको सीट से उठने का मन नही करेगा.

दोस्तों कहानी फिल्म के पहले पार्ट से 7 साल बाद की है. विजय सालगावकर अपने पास्ट को भूलकर एक नई जिंदगी की शुरुआत कर चुके हैं. विजय सालगावकर (अजय देवगन) एक थिएटर के मालिक हैं, जो एक केबल नेटवर्क कंपनी भी चला रहे हैं. साथ ही साथ एक फिल्म भी Produce कर रहे हैं. इनके पडोस में कोई उनकों कातिल कह रहा है तो कोई उनके तरकी से आग की तरह जल रहा है. यहाँ तक की पहले पार्ट में उनके पक्ष में बोलने वाले लोग भी उनके तरक्की, नए घर, गाड़ी और समृद्ध जीवन को देख कर जल रहे हैं. यह फिल्म का दृश्य मानव स्वभाव को दिखाता है. अक्सर ऐसी घटनाएं हमारे असली जीवन में भी देखने को मिलती है.
दूसरी तरफ़ मीरा देशमुख और महेश देशमुख की दर्दनाक दिल दहला देने वाली कहानी भी है जो अपने बेटे की लाश अभी भी ढूंढ रहे हैं. अब इसी बिच कुछ ऐसा होता है की समीर की लाश को पुलिस बरामद कर लेती है और केश का फाइल फिर से open हो जाता है. कहानी फिर से एक नई मोड़ लेती है और वापस आ जाती है.
अब यहाँ पर एंट्री होती है अक्षय खन्ना की यानी आईजी तरुण अहलावत. ये किसी भी किम्मत पर विजय सालगांवकर के सच को सामने लाना चाहते हैं. अब क्या वह सच सामने आएगा? विजय खुद को बचा पायेगा? विजय अपनी फॅमिली को बचा पायेगा?
यहाँ पर सबसे बड़ा सवाल यह है की फिल्म का क्लाइमेक्स आपको कितना हिला डालेगा. इसके लिए तो भाई आपको पिक्चर देखनी ही होगी. मुझे तो यह फिल्म काफी अच्छी लगी. वर्षों बाद ऐसी फिल्म मुझे बॉलीवुड में देखने को मिली, जिसे देखने के बाद मेरे रोंगटे खड़े हो गए. मैंने साउथ की मोहनलाल की दृश्यम तो देख ली है परन्तु यह फिल्म उस फ़िल्म की रीमेक होने के बाद भी थोडा हट के है.
फ़िल्म अपने में रीमेक होने के बावजूद भी ऐसा फील पकड़ के चलती है, जिससे नार्थ इंडिया की श्रोतागण सबसे ज्यादे कनेक्ट हो पायेगी.
एक नजर अभिनय पर
अगर हम एक्टिंग की बात करें, आप किसी स्टार की अभिनय में एक भी कमी नही निकाल पाएंगे, क्योंकि सबकी एक्टिंग एक से बढ़कर एक है. फिल्म की कहानी ही इतनी जबरदस्त है की एक्टिंग में कोई खामी ही देखने को नही मिलेगी. अक्षय खन्ना, अजय देवगन, श्रेया शरण, तब्बू, गायतोंडे तक जैसे सपोर्टिंग कलाकारों ने भी अच्छा काम किया है. लेकिन जैसा की हमने कहा की कहानी का कोई तोड़ नही है, क्योंकि दृश्यम 2 का असली हीरो फिल्म का कहानी ही है.
साथ ही साथ फिल्म के एलिमेंट्स नार्थ इंडिया में बहुत ज्यादे लोकप्रिय होंगे. उदाहरण के लिए फिल्म का डायलॉग्स:- “मेरा वक्त बहुत किम्मति है, कुछ भी करना पर मेरा वक्त बर्बाद मत करना या जरुरी यह नहीं की आपके सामने क्या है, जरुरी ये है की आप देख क्या रहे हैं?”
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भाई साहब फिल्म देख कर तो आपके तोते उड़ जायेंगे. ऐसा क्लाइमेक्स शायद ही कही पिछले कुछ सालों में हिंदी फिल्म उद्योग में आपको देखने को मिला होगा. एक परफेक्ट प्लान क्या होता है, अगर यह सीखना है तो आप इस फिल्म से सीखिए. नेगेटिव रोल में भी आपको पॉजिटिव बाते सिखने को मिल जायेगा.
ये थी हमारी ईमानदार रिव्यु दृश्यम 2 के बारें में. अगर आप देखना चाहते है तो जाइये देखिये. आपके पैसे पानी में नही जायेंगे इस बात की गारंटी देता हूँ. मैं इस फिल्म को 5 से 4 रेटिंग दूंगा, क्योंकि फिल्म तो धांसू है परन्तु रीमेक है.
आप इस फिल को कितना रेटिंग देंगे, आप हमें कमेंट बॉक्स में जरुर लिखिए. ऐसे ही और खास लेख को पढने के लिए आप हमारे टेलीग्राम चैनल को जरुर ज्वाइन कर लें!