फ्लोटिंग रेट बांड्स क्या है(Floating rate bonds): अगर आप इन्वेस्ट करने की सोच रहे है तो यह आपके लिए सुनेहरा मौका है. इस पोस्ट में मई आपको सारी देने देने वाली हूँ, सेंट्रल बैंक के तरफ से बहुत बड़ी खुशख़बरी आई हुई है. भारतीय रिज़र्व बैंक अर्थात RBI ने केंद्र सरकार के फ्लोटिंग रेट बांड, 2031 (FRB 2031) के लिए घोषणा कर दिया है. जिसका निर्धारित तिथि 7 दिसम्बर, 2022 से 6 जून, 2023 रखा गया है. रिज़र्व बैंक के तरफ दि गयी सुचना के मुताबिक यह ब्याज 7.69%/वर्ष होगी.
कैसे तय की जाती है ब्याज़? (How is interest determined)
रिज़र्व बैंक ने जानकारी देते हुए बताया- यह आपको पहले से ही ज्ञात होना चाहिए की वर्ष 2031 में एफआरबी एक कूपन की तरह होगा बल्कि एक कूपन ही होगा, जिसकी बेस दर 182 दिन के टी-बिल्स (182 T Bills) के पूर्व 3 नीलामी की वेटेड एवरेज यील्ड (WAY) के बराबर होगी. वहीँ अगर हम इसकी गणना की बात करें तो इसकी गिनती साल के 365 दिन के द्वारा करी जायेगी.
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फ्लोटिंग रेट बांड्स क्या है? (What is floating rate bonds?)
अगर आपको मैं इसको आसन भाषा में बताना चाहूँ तो फ्लोटिंग रेट बांड एक ऐसा सिक्योरिटीज है, जिस पर कोई फिक्स कूपन रेट या ब्याज दर नही रहता है. इसके कूपन की रेट एक जैसी नही होती है बल्कि कई तरह की होती है. जिसे पहले से तय सीमा में प्रत्येक बार रिसेट करा जाता है.
एफआरबी का रेट कैसे तय होता है?

RBI Floating Rate Bonds: अब आपके मन में यह सवाल उठ रहा होगा की आखिरकार इसका रेट कैसे तय किया जाता है? फ्लोटिंग रेट बॉन्ड वैरिएबल ब्याज देते हैं, जो एक कूपन दर द्वारा निर्धारित होता है जो बाजार की ब्याज दर के अनुसार बदलता है, निवेशकों को संभावित लाभ प्रदान करता है। * यील्ड-टू-मैच्योरिटी (YTM) रिटर्न की औसत दर को संदर्भित करता है जहां एक बॉन्ड खरीदा जाता है और परिपक्वता तक आयोजित किया जाता है।
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