अपने से पहले दूसरों को दें Importance
हम रोजाना बहुत से लोगों से मिलते हैं, पर उनमें से कुछ लोग ऐसे होते हैं जो हमें प्रभावित करते हैं। ऐसे लोग अक्सर खुशहाल होते हैं और उनकी इज्जत होती है। उन्हें पसंद किया जाता है और नौकरी में पदोन्नति भी मिलती है। इसीलिए कुछ चीजों को अपनाना बहुत जरूरी है।
“आइ” नहीं “यू” पर करें यकीन-
आप कीसे अधिक पसंद करेंगे जो अपने मतलब की बात करें या उसे जो आपके मतलब की बात करें? अधिकतर लोग दूसरे विकल्प को चुनेंगे मैं ऐसा हूं, मुझे यह अच्छा लगता है, मैं यह करता हूं, पर आप इससे अलग कीजिए आप “आइ” से पहले “यू” को रखिए आगे।
आप कैसे हैं? आपको क्या अच्छा लगता है? आप क्या करते हैं? अगर आप ऐसा करेंगे तो आपको कहीं भी अधिक पसंद किया जाएगा। ऐसा नहीं कि सिर्फ अभिनेता खिलाड़ी राजनेता ही श्रोता चाहते हैं, आम आदमी भी श्रोता चाहता है। जब आप एक आम आदमी के लिए श्रोता बनते हैं, तो आप उसके लिए खास हो जाते हैं। जब आप बहुत से लोगों के साथ ऐसा करते हैं तो आप बहुत से लोगों के लिए खास हो जाते हैं ऐसे में आप एक व्यक्ति विशेष से बढ़कर एक पर्सनालिटी बन जाते हैं।
“क्या” से ज्यादा “कैसे” है महत्वपूर्ण-
आप जो बोलते हैं उससे भी अधिक महत्व रखता है कि आप कैसे बोलते हैं जैसे आप से कोई गलती हुई और आप मुंह बनाकर सॉरी बोलते हैं तो उस सॉरी का कोई मतलब नहीं है हमें ना सिर्फ सही शब्दों का इस्तेमाल करना चाहिए बल्कि उन्हें किस तरह से कहा जा रहा है इस बात का भी ध्यान रखना है।
इसलिए आप अपनी टोन और बॉडी लैंग्वेज पर ध्यान दीजिए जितना हो सके विनम्र और बेहतर आचरण के साथ बात कीजिए यह बात इसलिए बताई गई है कि आजकल अक्सर लोग इंग्लिश बोलने की क्षमता को पर्सनालिटी से जोड़कर देखते हैं जबकि ऐसा नहीं है बिना अ, ई, ऊ जाने भी एक प्रभावशाली व्यक्ति वाले इंसान बन सकते हैं।
फायदे से पहले लाए मदद का भाव-
कई बार हम ऐसी स्थिति में होते हैं कि दूसरों की मदद कर सके लेकिन यह सोचकर नहीं करते कि इसमें हमारा कोई फायदा नहीं है। दूसरी ओर अच्छे व्यक्तित्व वाला व्यक्ति लोगों की मदद के लिए तैयार रहता है इसका यह मतलब भी नहीं है कि अपने जरूरी काम छोड़कर बस लोगों की मदद ही करते रहे लेकिन अगर थोड़ा वक्त देकर आप किसी के काम आ सकते हैं, तो जरूर मदद करें आपकी बिना स्वार्थ की मदद आपको दूसरों की ही नहीं अपनी नजरों में भी उठा देगा और आप अच्छा महसूस करेंगे।
अनुसरण करें और बेहतर बने-
व्यक्तित्व विकास एक लगातार आगे बढ़ने वाली प्रक्रिया है हम सभी में सुधार की असीमित संभावनाएं होती है इसीलिए कभी यह मत समझिए कि जितना सुधार करना था कर लिया अब इससे ज्यादा नहीं होगा बल्कि रोज अपने लिए थोड़ा समय निकालकर अपनी क्रियाओं और शब्दों पर गौर करें आपने क्या किया उसे अच्छा कैसे कर सकते हैं कहीं ऐसा तो नहीं कि आप किसी चीज को लेकर खुद को तिस्मरखां समझ रहे हैं, और हकीकत में लोग आपकी उसी बात को पसंद नहीं करते हो।
ऊपरी लुक को भी बनाए अच्छा-
कहते हैं “फर्स्ट इंप्रेशन इज द लास्ट इंप्रेशन”। यह पहला इंप्रेशन हम कैसे दिख रहे हैं उससे बनता है। इसलिए इस बिंदु पर भी थोड़ा ध्यान देना जरूरी है। इसके लिए बस आप किस समय कैसे तैयार होना है, इस पर थोड़ा ध्यान दें। साथ ही अपनी व्यक्तिगत साफ़-सफाई पर भी ध्यान दीजिए।
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