
युवा उद्यमी पार्थसारथी त्रिवेदी तकनीक के जरिए दूर-दराज के इलाकों तक इंटरनेट की पहुंच को आसान बनाने का काम कर रहे हैं। उन्हें उनके इस बेहतरीन कदम के लिए फोर्ब्स 30 अंडर 30 की सूची में शामिल किया गया है।
भले ही आज इंटरनेट मूलभूत सुविधा की जगह ले चुका है, लेकिन इस दौर में भी कुछ इलाके ऐसे हैं, जहां वायरलेस कनेक्शन की पहुंच नहीं है। इन क्षेत्रों के लिए भी दुनिया से जुड़े रहना आसान बनाया है पार्थसारथी त्रिवेदी ने। युवा उद्यमी और ‘स्काइलो’ के संस्थापक पार्थसारथी त्रिवेदी तकनीक के जरिए दूर-दराज के इलाकों तक इंटरनेट की पहुंच को आसान बनाने का काम कर रहे हैं। इनके स्टार्टअप मॉडल की दो सबसे बड़ी खासियतें हैं, -इंटरनेट सर्विस की कम कीमत और बेहतरीन डिजाइन, जिसकी वजह से लोग आसानी से इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। इस प्रयास से डिजिटल तकनीक उस जनसंख्या तक भी पहुंच सकेगी, जो आधारभूत ढांचों और आर्थिक कारणों से डिजिटल तकनीक से अभी भी दूर हैं। इस तरह हर किसी के लिए इन्फॉर्मेशन और उससे संबंधित अवसरों के दरवाजे भी खुलेंगे।
कृषि से लेकर लॉजिस्टिक्स तक कई उद्योग डिजिटलीकरण के साथ बदल रहे हैं। पार्थसारथी त्रिवेदी ‘स्काइलो’ के माध्यम से डेटा नेटवर्क को हर जगह पहुंचा रहे हैं। एक अवसर पर उन्होंने कहा भी, ‘हमारा विचार एक ऐसी दुनिया बनाना है, जिसमें मशीनों, सेंसर्स और डिवाइसेज के लिए कनेक्टिविटी आसमान की तरह हर जगह मौजूद हो। ये सस्ती तकनीक सभी उद्योगों को बदलकर रख देगी।’ उनकी इस तकनीक से कई तरह से काम आसान हो जाएंगे, जैसे पूरे देश में सामान के वितरण का सटीक प्रबंधन, बचाव-कार्य का प्रबंधन वगैरह।
👉 कैसे हुई शुरुआत
कोलकाता में पले-बढ़े पार्थसारथी ने मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से अपनी पढ़ाई की है। डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने साल 2017 में अपनी कंपनी ‘स्काइलो’ की शुरुआत की। इन्होंने एक पावरफुल पोर्टेबल एंटीना बनाया है। इस एंटीना को सैटेलाइट आधारित इंटरनेट सर्विसेज से कनेक्ट किया जाता है और इसके बाद ये सैकड़ों दूसरे डिवाइसेज में इंटरनेट कनेक्टिविटी दे सकता है। ये एंटीना खासतौर पर ग्रामीण इलाकों और सुदूर क्षेत्रों के लिए तैयार किया गया है। इस समय पार्थसारथी की कंपनी के तीन ऑफिस हैं। पार्थसारथी के मुताबिक शुरुआत में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था, लोग उनके प्रोजेक्ट को समझ नहीं पा रहे थे और उन्हें निवेशक मिलने में भी परेशानी हो रही थी। लेकिन पार्थसारथी ने कड़ी मेहनत जारी रखी और आज परिणाम सबके सामने है।
पार्थसारथी त्रिवेदी कहते हैं, ‘हमारा विचार एक ऐसी दुनिया बनाना है, जिसमें मशीनों, सेंसर्स और डिवाइसेज के लिए कनेक्टिविटी आसमान की तरह हर जगह मौजूद हो। ये सस्ती तकनीक सभी उद्योगों को बदलकर रख देगी।’