One Time One Work 100 Success
आपने सर्कस में जगलर को देखा होगा. वह एक साथ पांच-छः बोत्तलें या पांच-छः गेंदें हवा में उछाल उछाल कर लपकता रहता हैं. ऐसा वह कुछ ही सेकंडों के लिए ही कर पाता हैं. फिर उसे पुनः दो-तीन बोत्तलों या गेंदों पर ही नियंत्रण हो पाता है.शेष उसे निचे गिरा देना पड़ता है. ठीक वैसे ही जीवन में भी एक साथ कई काम करना बहुत ही एकाग्रता और सतर्कता मांगता है. औइर जरा सा भी चुक होने पर एक साथ कई काम या कहिये सभी काम, खराब हो सकते हैं तथा संभव है कि आप बहुत सारी मुसीबतों या दुखों को आमंत्रित भी कर लेंगे.
![एक बार में एक ही काम करें! सफलता जरुर मिलेगी [One Time One Work 100 Success] Updated- 2022 1 WhatsApp Image 2019 01 22 at 11.28.19 AM](https://i0.wp.com/www.anmolsoch.in/wp-content/uploads/2019/01/WhatsApp-Image-2019-01-22-at-11.28.19-AM.jpeg?resize=640%2C427&ssl=1)
जो व्यक्ति कई कामों को एक साथ निपटने कि कोशिश करता है,वह भी जल्दी ही पश्त हो जाता है तथा किसी भी मुकाम तक नही पहुँच पाता है. यदि एकाध काम वह समय पर कर भी लेता हैं तो बाकी के लिए समय कि कमी या उर्जा कि कमी महसूस होने लगती है.जीवन में सुख से तभी जिया जा सकता है, जब आपको तनाव और परेशानी से मुक्ति हो या उनमे कमी हो.एक साथ कई काम करने से संभव है कि आप अत्याधिक मानसिक तनाव में रहे और जिसके कारण आपके संबंधों पर नाना प्रकार के प्रभाव तो हो ही, शारीरिक परेशानियाँ या बीमारियाँ भी आपको तंग करें.
यदी आपके सामने एक साथ कई काम आ खड़े हो या आपको कई आवश्यक कामों को एक साथ निपटाने कि नौबत आ जाये, तो ऐसे में आप क्या करेंगे? इसके लिए आपको कुछ सुझाव अमल में लाने होंगे:_
- मन को शांत, चित को स्थिर तथा दिमाग को सुव्यवस्थित करना होगा.
- शांत भाव से उन कामों के बारे में विचार करना होगा.
- उनमे यदि आप प्राथमिकता के क्रम बना सके, तो वह क्रम बनाने होंगे.
- काम के महत्व के अनुसार उनका क्रम निर्धारित करना होगा.
- उन कामों को निपटाने कि एक निति या कार्य-योजना तय करना होगा एवं उसके अनुसार काम में जुट जाना होगा.
- किसी भी काम को अधुरा छोड़ कर दुसरे काम में नहीं लगना होगा. जो क्रम आपने तैयार किया है, उसे अपनी सुविधा के अनुसार बदला जा सकेगा.
- समर्थ रामदास कि बात हमेशा ध्यान में रखना होगा कि – काम को हाथो-हाथ कर डालना ही उचित होता है, वरना जो काम पीछे रह जाता है, वह करना दुस्कर होता है.
- संकट में होने पर भी या अत्यधिक समस्यायों से घिरे होने पर भी उत्साह को नहीं छोड़ना होगा. वाल्मीकि रामायण के अनुसार- जो व्यक्ति निरुत्साह, शोकाकुल व दीनहीन रहता है, उसके समस्त कार्य बिगड़ जाते हैं और वह बहुत बड़े संकट में पड़ जाता हैं.
आपको आज का हमारा यह पोस्ट कैसा लगा हमें जरुर बताएं और दोस्तों के साथ भी साझा करें. अगर आपके पास भी कोई पोस्ट या लेख हो तो हम तक पहुचाएं, उसे हम आपके नाम और फोटो के साथ anmolsoch.in पर प्रकाशित करेंगे.
थैंक्स
Sir hame ye anmolsoch par ka post bahut aacha laga. Ye sahi hai ki hum koi bhi work karte hai to usaka pura focus ussi par hona chahiye tab humlog success ho sakte hai.
Anmolsoch टीम के तरफ से बहुत बहुत धन्यवाद।