आतंकियों को मुँह तोड़ जवाब देती एक देशभक्ति कविता
14 फ़रवरी को रात डेढ़ बजे के करीब जो सैनिकों पर हमला हुआ है। वह प्रत्येक हिन्दुस्तानियों के लिए बहुत ही दुखद घटना है। आज हमारा पूरा हिंदुस्तान शोक की लहर में डूबा है। इस हमले में हमारे जाबांज जवान शहीद और घायल हुए हैं। मैं उन सभी जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ। यह कहना चाहता हूँ की हमारे शहीदों की कुर्बानी व्यर्थ नही जाएगी। एक दिन हम बदला ले के रहेंगे। जब भी देखता हूँ उन शहीदों की पार्थिव शरीर को सिने में अंगार सी जल उठती है। इस घटना से प्रेरित हो कर हमने खून खौलाने वाला एक बहुत ही जोश भरा कविता लिखा है, जो यकीं कीजिये आपके अंदर बदले की आग को और भी उत्तेजित कर देंगे। अगर यह कविता अच्छी लगे तो उन सभी भारतवासियों तक पहुंचाए जो आज सिर्फ और सिर्फ आंतकियों का जड़ से खात्मा चाहते हैं।
हमें जबरन का मानवाधिकार नही,
हमें तो बस जान के बदले जान चाहिए।।
43 के बदले हमें 43 हज़ार चाहिए।।
यहाँ बात देश की गरिमा की है,
बदले में उन कुत्तों का सर चाहिए।
43 के बदले हमें 43 हज़ार चाहिए।।
बर्दाश्त बहुत हुआ, बर्दाश्त की अब कोई जगह नही,
मांओं के उजड़े गोद के बदले हमें उन गीदड़ों का कटा सर चाहिए।
43 के बदले हमें 43 हज़ार चाहिए।।
हमें सांसद में सिर्फ चर्चा नही,
जंग के मैदान में सीधा वार चाहिए।
43 के बदले हमें 43 हज़ार चाहिए।।
शून्य ना हो जाये ये नामर्द तब तक,
सिर्फ गोलियों की बौछार चाहिए।
43 के बदले हमें 43 हज़ार चाहिए।।
हम भी हैं तैयार जान की बाजी लगाने को,
हमें तो अर्धांग्नी के सिंदूर का कर्ज चाहिए।
43 के बदले हमें 43 हज़ार चाहिए।।
आज कई बहने अपने भाई से दूर हो गयी,
हमें तो उस राखी के बदले दुश्मनों की हार चाहिए।
43 के बदले हमें 43 हज़ार चाहिए।।
अमर जवानों को Anmolsoch के तरफ से भावविहीन श्रद्धांजलि। आपको यह देशभक्ति कविता कैसी लगी हमें अवश्य बताएं।अच्छी
लगी हो तो अन्य भारतवासियों तक भी शेयर कर दें।
जय हिन्द! जय भारत!
जय हिन्द
Bahut खूब
थैंक्स आपके देशभक्ति के लिए। जय हिंद।
JAI HIND